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रविवार, 12 जून 2016

हे भगवान अहां महान

6:52:00 pm
हे भगवान अहां महान ।
करू कृपा यौ कृपानिधान ।।

छोट—छिन हम बुद्धि—बल हीन
अहांक महिमा सं' अनजान ।
ज्ञानक दीप जगा दियअ भगवन
बनि जाए जिनगी स्वर्ग समान ।।

सब बाधा के काटि सकी हम
तानि कै बुद्धिक तीर कमान ।
प्रगतिक राह पर बढैत चली हम
पाबि क' अहांक कृपा महान ।।

दोष हमर सब माफ करू अहां
हम अज्ञानी आ नादान ।
प्रेमक बरखा में नहा दियअ भगवन
बुझि के 'शुचि' कै निज संतान ।।

करू कृपा यौ कृपानिधान ।।
हे भगवान ............
करू कृपा...........
                              .......शुभेश

रविवार, 5 जून 2016

तेरी याद

11:16:00 pm
तेरी याद

सूनी सूनी अंखिया मेरी चितवत है चहु ओर ।
कहां छुपी है मेरी चन्दा, ढूंढे तुझे चकोर ।।

जहां भी देखूं कोई गुड़िया, लगे है जैसी मेरी सोना ।
जैसे मुझसे बोल रही हो, पापा देखो मैं ही हूं ना ।।

कहीं भी देखूं कोई सूरत ।
ममतामयी मां की कोई मूरत ।।

याद तुम्हारी मुझे सताये ।
अधर हैं सूखे नयन भर आये ।।

तन भीगा, दर्पण भीगा है ।
नयन धार से बसन भीगा है ।।

मन प्यासे को कौन बताये ।
नयन नीर कब प्यास बुझाये ।।
                                 ....शुभेश

शनिवार, 7 मई 2016

भूख

9:21:00 pm
मामा जी, मामा जी यो, हमरा लगि गेल भूख ।
हमरा लेल पेड़ा—बिस्कुट आनू, चाहे खोआ—तिलकुट आनू ।
जल्दी से आनू सेबक जूस, जल्दी से आनू दूध ।।
मामा जी, मामा जी यो....................

दालि चाउर लै खिचड़ी बनाबू, चाहे दूध दै खीर बनाबू ।
नूने—अनून स​ब किछु खा लेब, कांचो—कोचिल सेहो पचा लेब ।।
बड जोड़ लगि गेल भूख ।
मामा जी, मामा जी यो....................

नै किछु बनत त' सेहो बता दिय'
हमरा माय के अहां, बजा दिय'
हम त पी लेब दूध, आब बड जोड़ लगि गेल भूख ।।
मामा जी, मामा जी यो....................
                          ........शुभेश
 (​अपनी पुत्री सुश्री शुचि को समर्पित मैथिली बाल रचना)

बुधवार, 15 जुलाई 2015

उठ भोर भई

7:27:00 am
उठ भोर भई
उठ भोर भई, उठ भोर भई, अब जाग री मेरी गुड़िया ।
जग गई सारी ​दुनिया ।

मम्मी—पापा जागे, जग गए मामा—मामी,
दादा—दादी जागे और जग गए नाना—नानी ।
अरे खुलि गए सारे किवड़िया, अब जाग री तू भी गुड़िया ।।
उठ भोर भई....................................

चंदा मामा जाए, सूरज दादू आए,
अंधियारा भी जाए, हर कली मुसकाए ।
अरे जग गई सारी दुनिया, अब जाग री तू भी गुड़िया ।।
उठ भोर भई....................................
उठ भोर भई, उठ भोर भई अब जाग री मेरी गुड़िया ।
चली खेलन सारी दुनिया ।।
                                                              ~~~शुभेश